Considerations To Know About Shiv chaisa
Considerations To Know About Shiv chaisa
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अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
बृहस्पतिदेव की कथा
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
महाभारत काल से Shiv chaisa दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
तज्ञमज्ञान – पाथोधि – घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं ।
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को shiv chalisa in hindi आसानी से प्रसन्न होते हैं
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